This poem is about the struggle of a child who works on a railway platform earning wages by selling ... This poem is about the struggle of a child who works on a railway platform earni...
मुझे कल भूल जाओगे लाशें कीड़े खा जाएंगे अपने काम करो अब ख़ुद हम न परदेस आएंगे! मुझे कल भूल जाओगे लाशें कीड़े खा जाएंगे अपने काम करो अब ख़ुद हम न परदेस आएंगे!
तब ही वो लाल पीले दांत बेवजह सबको दिखता है। वो अल सुबह… तब ही वो लाल पीले दांत बेवजह सबको दिखता है। वो अल सुबह…
बाल मज़दूरी के एक कविता। बाल मज़दूरी के एक कविता।
ये कूड़ा जिसको कल भी मेरे नेता पैदा करते रहेंगे, और मैं टटोलूंगा कल भी इस कूड़े में अपनी किस्मत को । ये कूड़ा जिसको कल भी मेरे नेता पैदा करते रहेंगे, और मैं टटोलूंगा कल भी इस कूड़े ...
हर हालत में टिकने वाले जो शूर है हा वो मजदूर है। हर हालत में टिकने वाले जो शूर है हा वो मजदूर है।