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Chandragat bharti

Romance Tragedy Inspirational

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Chandragat bharti

Romance Tragedy Inspirational

बन्द करो खिलवाड़ प्रकृति से

बन्द करो खिलवाड़ प्रकृति से

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बोओगे बबूल यदि बोलो

कैसे तुमको आम मिलेगा

बन्द करो खिलवाड़ प्रकृति से 

खतरनाक परिणाम मिलेगा ।


तुमने दोहन कर डाला यूं

रंग बदलते मौसम सारे

आसमान तक हुआ प्रदूषित

साफ न दिखते चाँद सितारे

घोलोगे यदि जहर हवा में

जीव यहाँ गुमनाम मिलेगा ।


त्राहि-त्राहि मच रहा जगत में

फैल रही है बस बीमारी

मानवता हो रही विखंडित 

काट रही है जंगल आरी

बदल रहा भूगोल यहाँ नित

कैसे शुभ पैगाम मिलेगा ।


नही मिलेंगे वैद्य डाक्टर 

हालत बड़ी भयावह होगी

नही रहेंगे हम दुनिया में

किसकी मात कहाँ शह होगी

माँगोगे तुम खुशियाँ लेकिन

मौत तुम्हे इनाम मिलेगा।


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