मैं तो क्या, कोई नहीं है चाहता डूब जाना, आँख के सैलाब में मैं तो क्या, कोई नहीं है चाहता डूब जाना, आँख के सैलाब में
दीदार कैसे कर पाऊं दीदार कैसे कर पाऊं
कमियों को अपनाने वाला फ़रिश्ता हर कोई नहीं होता. कमियों को अपनाने वाला फ़रिश्ता हर कोई नहीं होता.