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Shashi Mehra

Inspirational

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Shashi Mehra

Inspirational

शोर ए दिल

शोर ए दिल

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है परेशानी, दिल ए बेताब में ।

क्या मिलाया आप ने था, आब में ।। 

दूर हो जाते, गिले शिकवे सभी । 

आप आ जाते, अगर्चे ख़्वाब में ।। 

मैं तो क्या, कोई नहीं है चाहता । 

डूब जाना, आँख के सैलाब में ।। 

उसके आने से, करिश्मा ये हुआ |

रौशनी सी, हो गई तालाब में ।। 

याद आते ही, सिहर उठता हूँ मैं । 

फस गया था, मैं कभी, गिर्दाब में ।। 

गर मिला मौका, तो मैं दिखलाऊंगा । 

फर्क क्या है, आम और नायाब में ।। 

गर खुदा को, मुंह दिखाना है 'शशि' । 

नेकियाँ कर लो, जमा असबाब में ।।


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લોગિન

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