ख़ुदा की कारीगरी
ख़ुदा की कारीगरी
एक रोज़ दुआ की थी खुदा से,
की उनकी सबसे नायाब कारीगरी का
दीदार कैसे कर पाऊं।
कहा खुदा ने ख़्वाब में,
खड़ा होकर सामने आएंगे
के खुद से मुलाकात में
मशरूफ हो जाऊँ।।
एक रोज़ दुआ की थी खुदा से,
की उनकी सबसे नायाब कारीगरी का
दीदार कैसे कर पाऊं।
कहा खुदा ने ख़्वाब में,
खड़ा होकर सामने आएंगे
के खुद से मुलाकात में
मशरूफ हो जाऊँ।।