मेरी हूर
मेरी हूर
निगाहें बैठी हैं तस्सबुर जिस हूर के दीदार को,
वो रूठें तो हमारी दुनियां ही रूठ जाए।
आता नहीं वो इकरारे इश्क अब मेरी ज़ुबान पर,
हाले दिल की दास्तान उन्हें कैसे बताएं।
खूबसूरत है उनकी सूरत, लेकिन मेरी रूह में तो बस गई है
उनकी खूबसूरत सीरत कोई उन्हें समझाए।
ज़िंदा मोहब्बत का कायदा है तकरीरे,
हर तकरीरे जख्म की दवा वही हैं कोई उन्हें समझाए।
मुश्किलें कितनी भी हों इस जहांन में उनके आशिक के लिए,
लेकिन ख़ुदा उन्हें सिर्फ खुशियां ही दिखाएं।