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Varun Anand

Tragedy Classics Thriller

3  

Varun Anand

Tragedy Classics Thriller

सत्य

सत्य

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देखता हूँ अपने आसपास, तो धुंधला सा नज़र आता है। 

ये समाचार, ये इस्तहार, ये समझदार,

ये ढेरों एप, ये मतलबी बाते, 

लोगो कि खुशियाँ, आँखों में आँसू।


ये ज्ञानी, ये अध्यापक, ये इतिहास, 

ये विशाल सिनेमा, ये दिखावटी अमीरी,

दफ्तर के शुभचिंतक, भविष्य के साथी

सभी के सत्य कि बस एक ही सच्चाई है, कि

 "कुछ भी सत्य नहीं।"

       


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