जवान
जवान
कर भी लूं सब क़ुर्बान तेरी मोहब्बत में, कर्ज न चुका पाऊंगा।
बस तेरी ही रक्षा में अपना जीवन लगाऊंगा।
करले पड़ोसी जो भी, मैं तेरा एक इंच न घटने दूंगा।
काट जायगा ये सर लेकिन, मैं तेरी बिंदिया न हटने दूंगा।
माँ अगर तेरे कुछ बेटे बहके, मैं उनपर भी प्यार लुटाऊंगा।
मुसीबत आये कितनी चाहे, मैं सभी में तेरी भक्ति जगाऊँगा।
सिंचुगा तेरी मिट्टी को अपने खून से, पर दाग न उसपर लगने दूंगा।
करूँगा पहरेदारी दिनरात, अपने सुरक्षित भाई-बहनो का भरपुर स्नेह लूंगा।
न भी रह पाऊ सरहद पर उम्र के एक पड़ाव पे, मैं मनोबल न किसी का गिरने दूंगा।
चाहत है मेरी ओड़ूंगा तिरंगा विदाई पर अपनी, इसी विश्वास से साथ आखरी सांस लूंगा।