चिंगारी
चिंगारी


कोमल हूँ क़मज़ोर नहीं हूँ,
ना ही ख़ुद से हारी हूँ।
प्रतिघाति की बांह मरोड़ूं,
हिन्दुस्तानी नारी हूँ।
भूल न करना छूने की तुम
बेहद तेज़ कटारी हूँ।
अबला न समझो तो बेहतर
सबला हूँ, चिंगारी हूँ।
सीमा पर रक्षा की ख़ातिर
तन-मन अपना वारि हूँ।
हिम्मत हो गर सामने आए
हर दुश्मन पर भारी हूँ।