अग्निफेरा
अग्निफेरा
ज़माने में कली खिलने से पहले क्यूँ मुरझाती है।
बेटियां पैदा होने पर भला क्यों शर्म आती है।।
कोख में मारोगे बेटी, फिर बहु कहाँ से लाओगे।
बेटी को बचाओगे, तभी तो वंश बढ़ाओगे।।
ना बाँधो बेड़ियों में, बेटियां कल का सवेरा हैं।
ये जीवन बेटियों के वास्ते एक अग्नि फेरा है।।