मेरी दुनिया
मेरी दुनिया
माँ धरती है तो पिता आसमान है।
माँ दुनिया तो पिता सारा जहान है ।।
माँ के हृदय में नदियों सी ममता है।
पिता के पास पर्वतों सी क्षमता है।।
माँ की आँखों में बच्चों से ज्योति है।
बच्चे पिता के लिए आस का मोती हैं।।
माँ बच्चों के सुख के लिए जीती है।
पिता को बच्चों के भविष्य से प्रीति है।।
माँ का दिल बच्चों की ख़ातिर धड़कता है।
पिता का हृदय भी कम नहीं तड़पता है।।
माँ के दुलार से घर-आंगन मुस्काता है।
बच्चों को देख पिता थकान भूल जाता है।।
वो ख़ुशनसीब हैं जिन पर इनका साया है।
माँ-पिता के चरणों में सारा सुख समाया है।।