महामारी
महामारी
कफन पहनाकर जमीन मे गाड़ दिया जिन्दा जिस निर्दयता से
अब पूछते हैं लोग, जलजला आता क्यो है
जोरदार बारिशों मे बंद करके बैठे हो दरीचे
अब क्यो पूछते हो सैलाब आता क्यो है
बोधिवृक्षों का कत्ल-ए-आम हुआ जानबूझकर
अब क्यो पूछते हो बेकार, युद्ध के हालात क्यों है
बेगुनाहों के दिल से जब निकलती है बददुआए तीरो की तरह
अब पूछने से फायदा क्या की महामारी क्यो है
अवाम के विश्वास को नाजायज करार दिया
अब पुछो मत करो कि इतनी ढलान पर जिन्दगी क्यों है
भारत में रोजगार था, हिन्दूस्तान मे बेरोजगारी
फकिरो से मत पुछो इनती तानाशाही क्यो है
मरने की दुआए मांगती आधी आबादी फाँकों में 'नालंदा "
अब जलील मत करो पूछकर यह भूचाल आता क्यों है।