प्यार की परिक्षा
प्यार की परिक्षा
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दीवानों की तरह
हमने भी प्यार किया
दिन रात संग संग
हमने भी साथ जिया
चांद तारों को तोड़ लाने के
वादे हमने भी किए
प्यासे रहकर तनहाई के
घूंट पल पल हमने पिए
चुभती नजरों से बचकर
चोरी चोरी मिलते रहे
प्यार के दरिया को पार
अकेले में करते रहे
मजबूर हालात थे मगर
डटे रहे हम प्यार में
मंजिल को पाना था
ठान लिया था मन में
प्यार की परीक्षा का
परिणाम ना था सरल
क्या करे समझ ना पाए
ना मिले कोई हल
राह पकड़ कर चल दिए
छुटा अपनों का साथ
अब बस चलना है आगे
थामकर तुम्हारा हाथ।