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Aarti Sirsat

Romance Action

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Aarti Sirsat

Romance Action

मैं तन्हा हूं

मैं तन्हा हूं

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मैं तन्हा हूँ तुम मुझे तन्हा ही रहने दो.....

लिख देती हूँ खुशियां सारी अपनी

तुम्हारे नाम....जाकर अपना घर भर लो....

मैं तन्हा हूँ तुम मुझे तन्हा ही रहने दो.....


निभा न पाओगे सात जनम का साथ तुम

कोई और साथी तुम्हारे जैसा तुम ढूंढ लो......

दे देती हूँ दिल की सारी जमीन मैं तुम्हें

तुम आशियाना कोई नया बना लो.......

मैं तन्हा हूँ तुम मुझे तन्हा ही रहने दो.....


हसरत नहीं तुम्हें पाने की ना ही कोई अरमान है

स्वतंत्र हो तुम मोहब्बत में मेरी, उड़ान नयी भर लो......

दूरियाँ, दरमियां ठीक है बीच में तुम्हारे हमारे,

किसी ओर को अब तुम अपने करीब कर लो.....

मैं तन्हा हूँ तुम मुझे तन्हा ही रहने दो.....


क्या जरूरत है एक ही दिल में हजारों को रखने की

हजारों के दिल में एक ही को ईमानदारी से रख लो......

है बड़ी खूबसूरत सच्चे इश्क की डगर

वफ़ा का स्वाद भी तुम कभी चख लो......

मैं तन्हा हूँ तुम मुझे तन्हा ही रहने दो.....


मैं तन्हा हूँ तुम मुझे तन्हा ही रहने दो.....

लिख देती हूँ खुशियां सारी अपनी

तुम्हारे नाम....जाकर अपना घर भर लो....

मैं तन्हा हूँ तुम मुझे तन्हा ही रहने दो.....

        


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