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Dinesh paliwal

Action Inspirational

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Dinesh paliwal

Action Inspirational

।। शौक ।।

।। शौक ।।

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ये समझे है ज़माना,

कि शौक से जिंदा हूं मैं,

सच कहूं तो मेरे शौक ही हैं,

जिन में मैं अभी जिंदा हूं,

न जी सका तुमको अपनी ठनक से,

ना ही दे पाया मायने कोई,

ओ जिंदगी आज मुड़ के जो देखा,

अपने हाल पे खुद भी शर्मिंदा हूँ।।

कसक रही ये उम्रभर,

कि कुछ तो कभी हो मन का,

मुकद्दर में नहीं शोहरत,

तो कोई बात नहीं,

पर कहीं किसी दिल में ठिकाना,

ये रहे मेरे फन का,

हाँ भूल बैठा था दस्तूर,

मैं कुछ जमाने के,

कि नहीं होते जहां में,

कद्रदान किसी दीवाने के।

अभी तो कई पड़ाव बाकी हैं,

वक़्त लेगा करवटें, तू संभल

छोड़ कर मायूसी की रात,

जो दिखे किरण, तू चल,

अपने शौक को बना कर अपना सूरज,

ये अंधेरे का सफर मिटाना होगा,

जब उठेगा फिर से मेरे,

शौक का जलवा,

ओ ज़माने तुझे फिर,

बस शौक से ही आना होगा ।।



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