रमणी क्या रमणीय ऐसे लोचन बसा है आम्र जैसे रमणी क्या रमणीय ऐसे लोचन बसा है आम्र जैसे
प्रथम प्रेम और स्पर्श पहचाना आंखें बंद किए मां की गोदी में। प्रथम प्रेम और स्पर्श पहचाना आंखें बंद किए मां की गोदी में।
नव विहान का लेकर संदेशा भास्कर नभ पर शोभित है! नव विहान का लेकर संदेशा भास्कर नभ पर शोभित है!