रमणी क्या रमणीय ऐसे लोचन बसा है आम्र जैसे रमणी क्या रमणीय ऐसे लोचन बसा है आम्र जैसे
जो जिह्वा से बोलते वो ही फंसते हैं जो मौन रहते वो कभी न उलझते हैं। जो जिह्वा से बोलते वो ही फंसते हैं जो मौन रहते वो कभी न उलझते हैं।