Prem Bajaj

Romance

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Prem Bajaj

Romance

गज़ल

गज़ल

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 जी चाहता है तुझे चांदनी से नहलाएं आज हम 

 मांग तेरी चांद - सितारों से सजाएं आज हम।


सांस - सांस में भर दे प्रेम की मदिरा इस कदर

 कि प्रेमामृत रस से तुझे नहलाएं आज हम।


इक बार तो लग जाओ सीने से मेरे आ जाए करार

दिल चीर कर तस्वीर आपकी दिखाएं आज हम।


कहते हैं लोग नशा लेकर घुमते हो तुम हमेशा 

तेरे इन नशीले नयनों में डूब जाएं आज हम।


तेरी प्यारी- प्यारी सूरत ने वो कमाल कर दिया 

चल गया तेरा जादू दिवाने कहलाएं आज हम।


आगोश में मेरी तुम खो जाओ जाना इस तरह

कि किसी को भी नज़र ना आ पाएं आज हम।


तड़प रही है "प्रेम" आ जाओ अब और ना सताओ 

कहीं तेरी जुदाई में बेमौत ना मर जाएं आज हम।


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