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Mukesh Gaur

Romance

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Mukesh Gaur

Romance

वो लड़का

वो लड़का

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है कोई ऐसा मेरी ज़िन्दगी में

जो मुझे मेरे जैसा चाहता है


दुनिया में रहते हुए भी वो

दुनिया से अलग सा रहता है


मुझसे कितनी मोहब्बत है उसे

हर पल बस यही बताता रहता है


मेरे अपनों ने दिए है कुछ ज़ख्म मुझे

जिनपर वो हमेशा मरहम लगाता है


हां एक लड़का है मेरी ज़िन्दगी में

जो मुझे मुझसे ज्यादा चाहता है


कुछ अलग सा नूर दिखता है जब भी

आंखो में अपनी वो काजल लगाता है


पैरों में पायल पहनना उसे भी पसंद है और

पायल की खनक को वो अपने जूतों में छिपाता है


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सजना संवरना उसे भी पसंद है लेकिन

ज़माने के डर से ऐसा नहीं कर पाता है


हां एक लड़का है मेरी ज़िन्दगी में

जो मुझे मुझसे ज्यादा चाहता है


यूं तो वो भी हम जैसा ही दिखता है मगर

फिर भी ना जाने ज़माना उसे क्यों अलग समझता है


हमारे जैसा होने के बाद भी ना जाने क्यों उसे

मीठा, छक्का, नचनियां जैसे नामों से बुलाता है


वो भी इंसान है दुःख उसको भी होता है

लेकिन इस ज़माने को ये कहां समझ आता है


एक तरफ़ तो मोहब्बत को इबादत बोलता है

और हमारी मोहब्बत को ये ना जाने क्यों पाप बताता है।


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