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Ultimate Loser

Tragedy

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Ultimate Loser

Tragedy

कोई और देखे

कोई और देखे

1 min
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कहने को तो आज भी मैं पहले जैसा दिखता हूं

अब मैं खुद को बदलने की कोशिश कर रहा हूं;


ना जाने क्यों मैं ऐसा बनता जा रहा हूं

लोगों को कमाते कमाते खुद को खोता जा रहा हूं;


आस पास लोगों की भीड़ जुटाकर

भी मैं तन्हा और अकेला ही रहा हूं;


खुद पर हंसते हंसते शायद मैं लोगों

के बीच हंसी का पात्र बनता जा रहा हूं;


ना जाने किस गलती की सज़ा है ये

जो मैं अब हंस नहीं रहा महज़ मुस्कुरा रहा हूं;


अब धीरे धीरे एहसास होने लगा है मुझको

के मैं अपने नाम को चरितार्थ करता जा रहा हूं;


सबके साथ रहने की ये बहुत बड़ी कीमत

अपनी खुशियों से ही चुकाता आ रहा हूं;


बस अब बहुत सह लिया है मैंने अब से मैं

खुद की खुशियों को तरजीह देने जा रहा हूं;


कहने को तो आज भी मैं पहले जैसा दिखता हूं

अब मैं खुद को बदलने की कोशिश कर रहा हूं;


ना जाने क्यों मैं ऐसा बनता जा रहा हूं

लोगों को कमाते कमाते खुद को खोता जा रहा हूं।


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