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Deep Thakar

Romance

4  

Deep Thakar

Romance

कोई मिल जाए

कोई मिल जाए

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दिल लगाने को दिल करे ऐसा कोई दिल मिल जाए

बेवजह मुस्कुराऊँ ऐसी कोई वजह मिल जाए,

आसमान भी जहाँ सर जुकाए ऐसी कोई जगह मिल जाए।


रोशन है सारे तारे गर्दिश में

ज़मीन पे ऐसा कोई नज़ारा मिल जाए,

बीच मझधार फसी है नाव मेरी

मंजिल तक पहुँचाये ऐसा कोई किनारा मिल जाए।


बहने को राज़ी है ये दिल का समंदर

बहाके ले जाए ऐसा कोई बहाव मिल जाए,

बारिशो को आज़ाद कर दी बादलों ने खुद से

दिल की जमीन की भिगो जाए ऐसी कोई बरसात मिल जाए।


कानो से हो के सीधी दिल में

उतर जाए ऐसी कोई नज़्म मिल जाए,

बेनामी हो रिश्ता अपना फिर भी

आखिर तक निभाए ऐसी कोई रस्म मिल जाए।


अधूरे हम दोनों एक दूजे के बगैर

दोनो मिल जाए तो किस्सा कामिल हो जाए,

इश्क़ के चर्चे हो हर गली हर महफ़िल में

हमारा इश्क़ भी वो चर्चे में शामिल हो जाए।


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