इश्क़ होता है मगर जताया नहीं करते
इश्क़ होता है मगर जताया नहीं करते
इश्क़ होता है मगर जताया नहीं करते
हर आशिक़ किताबों में फूल छिपाया नहीं करते
दिल में होती है तस्वीर सिर्फ उनकी
हर कोई छाती चिर के दिखाया नहीं करते
इश्क़ होता है मगर जताया नहीं करते
बेशकीमती होता है इश्क़ उनसे मगर
हर कोई ताजमहल बनाया नहीं करते
इश्क़ होता है मगर जताया नहीं करते
सुख जाते है कभी कभी यूँ ही मगर
किनारे लहरों को पास बुलाया नहीं करते
इश्क़ होता है मगर जताया नहीं करते
दूरियों में भी मुक्कमल रहते है नाते
हर कोई महबूबा के घर जाया नहीं करते
इश्क़ होता है मगर जताया नहीं करते
हररोज बातें हो उनसे तो बेहतर है
हररोज बातें करने की आस लगाया नहीं करते
इश्क़ होता है मगर जताया नहीं करते
इश्क़ होता है मगर जताया नहीं करते।