STORYMIRROR

Deep Thakar

Abstract

4  

Deep Thakar

Abstract

इश्क़ होता है मगर जताया नहीं करते

इश्क़ होता है मगर जताया नहीं करते

1 min
319

इश्क़ होता है मगर जताया नहीं करते

हर आशिक़ किताबों में फूल छिपाया नहीं करते


दिल में होती है तस्वीर सिर्फ उनकी

हर कोई छाती चिर के दिखाया नहीं करते

इश्क़ होता है मगर जताया नहीं करते


बेशकीमती होता है इश्क़ उनसे मगर

हर कोई ताजमहल बनाया नहीं करते

इश्क़ होता है मगर जताया नहीं करते


सुख जाते है कभी कभी यूँ ही मगर

किनारे लहरों को पास बुलाया नहीं करते

इश्क़ होता है मगर जताया नहीं करते


दूरियों में भी मुक्कमल रहते है नाते

हर कोई महबूबा के घर जाया नहीं करते

इश्क़ होता है मगर जताया नहीं करते


हररोज बातें हो उनसे तो बेहतर है

हररोज बातें करने की आस लगाया नहीं करते

इश्क़ होता है मगर जताया नहीं करते

इश्क़ होता है मगर जताया नहीं करते।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract