Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Sumit sinha

Abstract

4  

Sumit sinha

Abstract

नववर्ष 2023

नववर्ष 2023

1 min
216


नया क्या है आज...

बता दो सिवा तारीखों के ऐ हमदम,

ना मैं बदला, 

ना तुम बदले.....

और ना बदला ये मौसम...!


बधाई बांट रहे नये वर्ष की..

नया क्या है......?

हो सके तो बता दो तुम..

वही प्रकृति...

वही संस्कृति...

वही पुरानी बात है..!


जिस धुंध में डूबा था सूरज

आज उसी में उदय हुआ 

जैसा कल छाया था कोहरा

आज भी है छाया हुआ..!


कुछ भी नया ना पाया मैंने

किसकी बधाई दे रहे हो तुम..

नयेपन का एहसास कहां है..

कहीं मिले तो बता दो तुम...!


नये वर्ष के प्रथम दिवस से

सब कुछ नया हो जाता है,

बदल जाती है प्रकृति भी

मौसम मनभावन हो जाता है...!


नयी उमंगों से भर कर

जब हवा इठलाती है,

देख अंबर के नये रंग को..

धरा भी निखर जाती है..!


नव वर्ष के आगमन का

हर एहसास नया सा होता है...

अंबर से लेकर वसुंधरा तक

श्रृंगार नया सा होता है..!


क्या ऐसा कुछ है अभी...

तो बधाई कर लेंगे स्वीकार हम..

नया क्या है....

आज बता दो सिवा तारीखों के ऐ हमदम..!


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract