बहुत कुछ अभी बाकी है।
बहुत कुछ अभी बाकी है।
बीते हैं दिन चार ज़िन्दगी के
ना बहुत कुछ अभी बाकी है।
चले हो दो-चार कदम ही
मंजिल पर पहुंचना तो अभी बाकी है।
दगा है गम भी है खामोशी की इन्तहा भी है
सूनेपन को जो भर सके
गुजरे वक्त की हसीन यादें तो अभी बाकी है।
होने को तो जिंदगी में अभी बहुत कुछ बाकी है।
हो वक्त बुरा या राहों में अड़चनें भी
जिंदगी की सफर में चलना पड़े अकेले भी
पर सहारा दे सकें वो लोग तो अभी बाकी है।
पूरा होने को तो सफ़र अभी बहुत कुछ बाकी है।
तो मायूस होकर यूं ही ना छिनो जिंदगी
आज धूप कड़कती है तो क्या हुआ
सुकून दे सके जो
बारिश की वो ठण्डी फुहार तो अभी बाकी है
जीने को तो जिंदगी में अभी बहुत कुछ बाकी है।