जिन्दगी में फिर नया उल्लास लाना
जिन्दगी में फिर नया उल्लास लाना
वर्ष नव हे! जिन्दगी में
फिर नया उल्लास लाना।
पुष्प से आँगन सजाकर
प्यार तुम सबपर लुटाना।
रात काली लौट जाये
साथ ले सारी बुराई
कष्ट की चादर हटे अब
सुख से' हो भीगी रजाई
हम छुयें आकाश यश के
ज्ञान की क्षमता बढ़ाना
वर्ष नव हे! जिन्दगी में
फिर नया उल्लास लाना।
हो निरोगी विश्व सारा
फूंक देना मन्त्र ऐसा
रिक्त उर सबके भरे जो
यंत्र हो गणतंत्र ऐसा
वक्त से भी तेज भागे
श्रम का' वो पहिया बनाना
वर्ष नव हे! जिन्दगी में
फिर नया उल्लास लाना।
चित्त की चिन्ता मिटाकर
ध्यान ईश्वर में लगाओ
प्रस्फुटित हों बीज सुख के
प्रेरणा के श्रोत लाओ
हो सदा सौहार्द जग में
नेह का सूरज उगाना
वर्ष नव हे! जिन्दगी में
फिर नया उल्लास लाना।
हर घड़ी शुभ हो हमारी
और शुभ हो साल अपना
हर समय हर क्षण सुखद हो
पूर्ण हो हर एक सपना
कामना के घट भरे हों
स्वर्ग सी धरती सजाना
वर्ष नव हे! जिन्दगी में
फिर नया उल्लास लाना।