जन्म और मृत्यु
जन्म और मृत्यु
अक्सर मन ये है सोचता,
कि जन्म मृत्यु के बीच,
क्या है अदभुत रिश्ता,
मृत्यु स्वर्ग का प्राकृतिक फूल है,
दुखी मन का कोमल बिछौना है,
कड़वा किन्तु इस संसार का
एक महानतम सत्य है।
यद्यपि अंधकारमय और भयावह,
किन्तु आराम की चिर निद्रा है,
दुख, दर्द मोह, माया से आजादी,
मानसिक और शारीरिक शान्ति है।
जीवन सोने का किन्तु ?
रंगहीन और महकहीन फूल है,
हर पल में है बनावट,
रिश्तों में भरी हुई है कड़वाहटह।
इंसान अकेला और आजाद,
पैदा होता है,
जीवन मे हर तरफ है बेड़ियाँ
है दुख और दर्द का दरिया।
निराशा ही निराशा,
मृत्यु है एक कोमल स्पर्श,
दुख और दर्द भरे
जीवन से आजादी।
मृत्यु इस संसार का एकमात्र,
शाश्वत कटु सत्य है,
यही जीवन का सार है।