ईश्वरीय प्रकोप
ईश्वरीय प्रकोप
जो बोओगे, वही काटोगे,
ईश्वरीय प्रकोप से कहाँ बच पाओगे,
क्यों अंहकार में इतना जकड़े हो ?
परमेश्वर की राह पकड़ लो,
जग सागर से तर जाओगे।
ईश्वर का कानून है बड़ा अनोखा,
देखे है वो सब कुछ बैठ झरोखा,
सदाचार, मानवता का साथ छोड़कर,
क्यों बीज पाप के है तू बोता।
इंसान होकर इंसान से नफरत करता,
अपना दोष दूसरो पर मढ़ता,
द्वेष, दम्भ ,छल का दम भरता,
ईश्वरीय प्रकोप से तनिक न डरता।
दुष्प्रवृत्तियों के रावण का तू संहार कर ले,
मन का अंधकार मिटा,ज्ञान मशाल जला ले
परम पिता परमेश्वर की राह पकड़कर,
ये जीवन अपना सफल बना ले।