भूखा बचपन (गीत )
भूखा बचपन (गीत )
भूखा बचपन आज सड़क पर रुलता है प्यार किसी से उन्हें नहीं क्यों मिलता है
निर्धन के घर जन्म हुआ उसका क्या दोष
चार पैसे उसे दे दो न खाली होगा कोष
मां बापू के बिन ही वह तो पलता है
भूखा बचपन आज सड़क पर रुलता है प्यार किसी से उन्हें नहीं क्यों मिलता है
अपने बच्चों की ख्वाहिश हर कोई पूरी करे
बाल बने मजदूर किसी को क्यों न दिखे
नंगे पांव धूप में तन जले चलता है
भूखा बचपन आज सड़क पर रुलता है प्यार किसी से उन्हें नहीं क्यों मिलता है
कुछ तो बेबस कुछ जबरन मजदूर हुये
पढ़ने का न मोल वे थककर चूर हुये
'पूर्णिमा' सच्चे कर्म से आंगन फलता है
भूखा बचपन आज सड़क पर रुलता है प्यार किसी से उन्हें नहीं क्यों मिलता है