ग्यारह जनों का इसीलिए तो हैं देखो एक और एक ग्यारह ! ग्यारह जनों का इसीलिए तो हैं देखो एक और एक ग्यारह !
करता है वह अपने से यही प्रश्न बार -बार। करता है वह अपने से यही प्रश्न बार -बार।
राख नहीं पड़नेे देंगे हम तो अपनी इन आमद पर। राख नहीं पड़नेे देंगे हम तो अपनी इन आमद पर।
साहब पांव पकड़ता हूँ बस घर मेरे पहुँचा दो मुझे। साहब पांव पकड़ता हूँ बस घर मेरे पहुँचा दो मुझे।
घात मे बैठे दुर्योधन कितने चीरहरण के दांव मे घात मे बैठे दुर्योधन कितने चीरहरण के दांव मे
है हम दोनों की प्यारी बेटी हमारी हैप्पी। है हम दोनों की प्यारी बेटी हमारी हैप्पी।