भगवान बनना?
भगवान बनना?
नहीं बनना मुझे भगवा
भगवान बनना कहाँ है आसाँ !
खुद से खुद में खुद को पहचानना
गर होता इतना आसाँ
तो भगवान ही होता हर इँसान।
छल, फरैब, कपट की दुनिया
स्वार्थ सिद्ध न कोई पारावार
उस पर भगवान बनने का लक्ष्य
पाना कहाँ है इतना आसाँ।
नहीं बनना मुझे भगवान
सब बनना है इक अच्छा इंसान
सत्कर्मों पर टिका हो जीवन
भगवत भक्ति में लगे मन।
मन, वचन और कर्म सब में हो ईमानदारी
भूल से भी कभी न हो किसी से मक्कारी।
जीवन की सार्थकता है श्रद्धा और विश्वास
प्रभु सब सही करेंगे है पूर्ण विश्वास।
नहीं बनना भगवान मुझे
बस रहना बन अच्छा इंसान।