STORYMIRROR

Abasaheb Mhaske

Tragedy Action

3  

Abasaheb Mhaske

Tragedy Action

जिसे भी अपना माना

जिसे भी अपना माना

1 min
298

जिसे भी अपना माना

उसने अंगूठा दिखाया

रिश्ते हैं बस नाम के

कोई नहीं किसी का


क्या फर्क पड़ता ,

अपना हो या बेगाना

टका हैं तो टेक 

नहीं तो टकमक देख


क्या फर्क पड़ता है

कोई जीये या मरे

मतलबी दुनिया सारी

तिजोरी अपनी भरे 


जो माँ बाप , बीवी का न हुवा

वो अपना क्या खाक होगा

अभी भी वक्त हैं सुधर जावो

वर्ना ना वक्त होगा कोई मौका


देश के प्रति कर्तव्य भावना से

न जाना मुकर, चलो आवो

हम सब मिलकर फिर से

बनाये भारतवर्ष को स्वर्ग


ഈ കണ്ടെൻറ്റിനെ റേറ്റ് ചെയ്യുക
ലോഗിൻ

Similar hindi poem from Tragedy