लेखक की जिंदगी
लेखक की जिंदगी
ये किताबे ये कहानियां महज कल्पना
मात्र नहीं बल्कि जीवन है
लेखक का...
लेखनी उसकी जिजीविषा है
और कहानी के किरदार उसकी
अंतरात्मा...
पाठक उसके ईश्वर है
और पाठकों की मुस्कान उसका
मेहनताना...
शब्दकोश उसकी विरासत है
और कागज उसकी आंखों का
तारा...
हां ये सच है लेखक को एक जीवन
मिलता है पर वो एक जीवन में
अनगिनत जीवन जीता है...
