मैं और तुम
मैं और तुम
तुम्हारी जिंदगी का छोटा सा किस्सा हुँ मैं
मेरी जिंदगी आखिरी हिस्सा हो तुम
तुम्हारे जिक्र में हूँ मैं
मेरी फिक्र मे हो तुम
तुम्हारे लिए ढलती शाम सी हूँ मैं
मेरे दिन की शुरुआत हो तुम
तुम्हारी निगाहो में हूँ मैं
मेरे अहसासो मे हो तुम
तुम्हारे लिए कल कल छल छल बहती गंगा सी हूँ मैं
मेरे लिए बनारस के अस्सी घाट हो तुम।