कान्हा
कान्हा
आप सिर्फ मेरे हो
मैं आपकी हुँ कान्हा,
नैत्रों से सिर्फ आपका दर्शन हो कान्हा,
वाणी पर सिर्फ आपका नाम हो कान्हा,
कंठ में सिर्फ तुलसी की माला हो कान्हा,
कानों में सिर्फ राधेकृष्ण गीतो का स्वर हो कान्हा,
हाथो से सिर्फ ठाकुर जी की सेवा हो कान्हा,
ह्रदय में सिर्फ आपका वास हो कान्हा,
पैरों से सिर्फ वृदांवन की यात्रा हो कान्हा,
सुख में सिर्फ आपका साथ हो कान्हा,
दुख में सिर्फ आपका सहारा हो कान्हा,
बारिश में सिर्फ आपका पंचामृत
अभिषेक जल हो कान्हा,
गर्मी में सिर्फ आपका तेज प्रकाश हो कान्हा,
सर्दी की हवाओ में आपका स्पर्श हो कान्हा,
सुबह की पहली किरण से लेकर रात के
आखिरी पहर तक आपका सान्निध्य हो कान्हा,
जीवन भर मुझसे आपकी सेवा हो कान्हा,
जीवन के बाद आपके चरणों में स्थान हो कान्हा,
आप सिर्फ मेरे हो
मैं आपकी हूँ कान्हा।