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Preeti Rathore

Romance Action Fantasy

4  

Preeti Rathore

Romance Action Fantasy

मेरी डायरी

मेरी डायरी

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419

मेरे बाद ...

मेरी डायरी खोलना तुम

अतित मे लिखी अनकही दास्तां और

यादो से रुबरु होना तुम

डायरी मेरी है पर हर जिक्र मे हो तुम

साथ बिताए लम्हे और

बिछडने के गम मे हो तुम...


माना डायरी पर तब तक धुल जम चुकी होगी

तुम्हारी आंखे चश्मे की आदी हो चुकी होगी

शायद याददाश्त भी कमजोर हो चुकी होगी

पर इसमे लिखे हर शब्द मे तुम्हे

अपना अक्स नजर आएगा

हां ये बेजान सी डायरी तुम्हारी

आंखों में नयी चमक ला चुकी होगी...


माना की मै और तुम कभी हम नहीं हुए

पर इस डायरी मे हम कभी जुदा नहीं हुए

तुम्हारे साथ बिताए पलो से लेकर

तुम्हारे बिना गुजारे हुए लम्हे तक

सभी यादो को संजोये हुए...

ये सिर्फ डायरी नहींं


एक अधुरी दास्तां का अनकहा मौसम है जो

कभी तुम्हारे साथ मिलकर वसंत हुआ

कभी तुम्हे किसी ओर का होते देख ग्रीष्म हुआ

कभी तुम्हारी विरह मे सावन हुआ

कभी तुम्हारे अहसास मे कंपकपाती सर्दी हुआ...

समाज के रीति रीवाज नियम कायदे

हमें बंधन मे नहीं बांध पाए


चंद कागज कल्म अनकहे अल्फाजो ही

हमे अहसासो के बंधनो मे बांधे पाए

डायरी पढने के बाद तुम्हे लगे

काश! हम एक हो पाते

काश ! मैं अभी तुम्हारे पास होती

काश ! ये अधुरी कहानी पुरी हो पाती

तो तुम गलत हो


ये तो रुहानी रिश्तो की वो दास्तां है

जिसे मुकम्मल होने के लिए जिस्मानी

साथ की जरुरत नहीं पडी

अहसासों की दुनिया की मुकम्मल दास्तां।


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