अहसास-ए-जिंदगी
अहसास-ए-जिंदगी
आओ थाम ले कुछ अहसास
जो भटक रहे हैं जज्बातों में
आओ थाम ले कुछ अल्फाज
जो भटक रहे हैं
आँखों की गुस्ताखियों में
आओ थाम ले कुछ पल
जो भटक रहे हैं
सुकून की तलाश में
आओ थाम ले कुछ वक्त
जो भटक रहे हैं
मुलाकात के इतंजार में।

