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Pankaj Prabhat

Romance

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Pankaj Prabhat

Romance

तुम्हें पाया तो ये जाना.....

तुम्हें पाया तो ये जाना.....

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तुम्हें पाया तो ये जाना, तुम्हीं मेरी वो तमन्ना थी,

जिसे खाबों में तराशा था, जिसे शेरों में सँवारा था।

तुम्हें पाया तो ये जाना…..


तुम्हारी हर अदा पर, और दिल में चाहतें भड़कीं,

तुम्हारी आरज़ू में, हसरतों की कई कली चटकी,

तुम्हारे रु-ब-रु होकर, खुद को शख्स जाना था,

तेरी सूरत की झलकी ने, दिल में चाँद उतारा था।

तुम्हें पाया तो ये जाना….


दशक से साथ हैं तेरे, तेरे इश्क़ की ओंस से भीगे,

तुम्हारे जुल्फ में ठहरे, तुम्हारी बाँहो में सिमटे,

तुम्हारी अक्स से जब लिपटे, तो खुद को पहचाना था,

पंकज में तुम बसी खुशबू, तेरी साँसों का सहारा था।

तुम्हें पाया तो ये जाना…..


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