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Dr Mahima Singh

Romance

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Dr Mahima Singh

Romance

तुमने मुझको खो दिया

तुमने मुझको खो दिया

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पाया था मुझको बड़ी शिद्दत से

अब तुमने मुझे को खो दिया


अब मन मर्जी है तेरी

तू मुस्कुरा कर देख

या नजरों से गिरा कर दे ख।

क्यों साथ चलने से साथ छूट जाता है ?

हाथों में हाथ तो रहता है !

हाथों की पकड़ छूट जाती है !


कुछ खालीपन सा है !

मन भारी सा है।

तू है तो धड़कन में 

ख्यालों में, यादों में, ख्वाबों में,

जिंदगी की हर रवानी में 

मगर अब साथ में नहीं।


 हुई है यह दूरियां जाने क्यों ?

 इतनी लंबी, इतनी गहरी,

 मिटाए भी तो कैसे ?

उसके लिए भी तो !

एक दूजे का साथ ही चाहिए !


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