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हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Romance

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हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Romance

शर्तों वाला प्यार

शर्तों वाला प्यार

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हमने तो तुम्हें दिल से चाहा है सनम 

ये दिल सिर्फ तुम्हारे लिए धड़कता है 

हर सांस तुम्हारा नाम लेकर थिरकती है 

हर ख्वाब तुम्हारे जजबातों से पलता है 

आसमां से ऊंची है मेरे इश्क की तड़प 

सागर से भी गहरी हैं चाहत की गहराई 

मेरी आहों के तूफान में उड़ जायेगा जहां 

मार डालेगी अब तो ये मनहूस सी तन्हाई 

मगर तुमने तो प्यार शर्तों पर किया है 

चंद सिक्कों पर दिल का सौदा किया है 

इश्क की दौलत के सामने ये दौलत क्या है 

सरेबाजार इश्क को तुमने रुसवा किया है।



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