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Preeti Rathore

Tragedy Action

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Preeti Rathore

Tragedy Action

रंगरेज

रंगरेज

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उसे पसंद थी लाल साड़ी में लिपटी हुई मैं 

जाते जाते मेरा पसंदीदा लाल रंग ले गया...


चुडी बिंदी पायल मेरे गहने थे उसके नाम के

जाते जाते मेरा श्रृंगार ले गया...


साथ मिलकर सपने संजोये थे भविष्य के

जाते जाते मेरा वर्तमान ले गया...


अल्हड नादान सादगी की गुडिया सी मैं

जाते जाते मेरा अस्तित्व ले गया...


पूरे शहर मे मशहूर थी मुस्कुराहट मेरी

जाते जाते मेरे होठो की हंसी ले गया...


सात जन्म साथ निभाने की कसमे खाई थी

जाते जाते मेरे जीने का अधिकार ले गया...


मेरी बेरंग सी जिंदगी मे रंग भरने वाला वो रंगरेज

जाते जाते मुझे सफेद रंग दे गया।


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