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Abhishek Singh

Romance Tragedy

4.5  

Abhishek Singh

Romance Tragedy

कागज़ के ख़त

कागज़ के ख़त

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कागज़ के ख़त बचा रखे हैं

हमने मोहब्बत के किस्से सुना रखे हैं


दिल से एक बार पूछो तो सही

कोने मे कोनसे राज छुपा रखे हैं


ये अदा और नज़ाकत ज़रा आराम से

तुमने कितने दीवाने बना रखे हैं


दिन गुज़रता ही नहीं उसकी याद बिन

हमने वो सारे पल सजा रखे हैं


वस्ल- ऐ-यार पे खुश थे हम बहुत

फुरकत मे हमने भी आंसू बहा रखे हैं


सच बिक गया हैं किसी शह के माफिक

यहाँ सबने झूठ के दाम लगा रखे हैं।


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