STORYMIRROR

kacha jagdish

Tragedy Inspirational

4  

kacha jagdish

Tragedy Inspirational

करोगे ही क्या

करोगे ही क्या

1 min
245

जब मंजिल का पता ही नही

तो रास्तो पर चलकर करोगे ही क्या


जब घर मे अंघेरा हो

तो हर मंदिरों मे दीप जलाकर करोगे ही क्या


जब हकीकत से दूर भागना ही था

तो आखो से ख्वाब देखकर करोगे ही क्या


जब हर बात पर आसू बहाना ही था

तो समय के मलहम का करोगे ही क्या


जब कल को ही याद करते रहना था

तो आज मे जी कर करोगे ही क्या


जब तकदीर पर आँसू बहाना ही है

तो अपने हाथों से कुछ बनाकर करोगे ही क्या।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy