STORYMIRROR

kacha jagdish

Abstract

3  

kacha jagdish

Abstract

तकनीक रहित दुनिया

तकनीक रहित दुनिया

1 min
203


न शोर था स्क्रीन का, न संदेश कोई,

सिर्फ मन की बातें और सुकून की रोशनी।

पेड़ों की छांव, तारे संग रात,

बस प्रकृति का साथ और अपने जज़्बात।


किताबें खुलीं, हाथों में जान,

न वक़्त का बंधन, न तकनीकी विधान।

ऐसी दुनिया सिखाती है यही,

जीवन असली है, जब मन जुड़ा हो सही।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract