तकनीक रहित दुनिया
तकनीक रहित दुनिया
न शोर था स्क्रीन का, न संदेश कोई,
सिर्फ मन की बातें और सुकून की रोशनी।
पेड़ों की छांव, तारे संग रात,
बस प्रकृति का साथ और अपने जज़्बात।
किताबें खुलीं, हाथों में जान,
न वक़्त का बंधन, न तकनीकी विधान।
ऐसी दुनिया सिखाती है यही,
जीवन असली है, जब मन जुड़ा हो सही।