STORYMIRROR

kacha jagdish

Tragedy Inspirational

4  

kacha jagdish

Tragedy Inspirational

अफसोस मत कर

अफसोस मत कर

1 min
29


तू अपने घर से तो निकल

जो पीछे छूट गया उसका अफसोस मत कर


कर्ज होगे कई तुझ पर

थक-हार कर उस पर अफसोस मत कर


तू मजबूर है उन हालातों से

लेकिन की गई महेनत पर अफसोस मत कर


जो चाहा वो ना मीला

न मिलने पर अफसोस मत कर 


क्या हुआ जो दुनिया छूट गई 

इस दुनिया पर अफसोस मत कर।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy