अपने और अपने परिवार के पापी पेट का सवाल है, अपने और अपने परिवार के पापी पेट का सवाल है,
जहाँ पर मिलता हो सम्मान जहाँ पर मिलता हो सम्मान
सोचा है मैंने, ऐसी दुनिया बसाएँ, गम और ईर्ष्या को जहाँ से दूर भगाएँ.. सोचा है मैंने, ऐसी दुनिया बसाएँ, गम और ईर्ष्या को जहाँ से दूर भगाएँ..
अपनों की खुशी के लिए खून की घूंट भी पीए। अपनों की खुशी के लिए खून की घूंट भी पीए।
एक दिन के लिए ही सही, तुम भी कभी, मां बनकर दिखाओ ना एक दिन के लिए ही सही, तुम भी कभी, मां बनकर दिखाओ ना
अब आवाज भी कहाँ सुनाई देती है, ये शाम की लालिमा है शांत है, अब आवाज भी कहाँ सुनाई देती है, ये शाम की लालिमा है शांत है,