"अनन्त" जो रफ्तार जगत की "अनन्त" जो रफ्तार जगत की
ज़िंदगी ज़िंदगी
त्यौहार के समय खरीदारी करते हुए कवी के फटी जेब की दास्तान त्यौहार के समय खरीदारी करते हुए कवी के फटी जेब की दास्तान
जैसा पानी दिखता है वैसा लोग भरते है जैसा पानी दिखता है वैसा लोग भरते है
सुबह का भूला शाम को लौटे सुबह का भूला शाम को लौटे
एक दिन के लिए ही सही, तुम भी कभी, मां बनकर दिखाओ ना एक दिन के लिए ही सही, तुम भी कभी, मां बनकर दिखाओ ना