फटी जेब
फटी जेब
1 min
271
आज की युवा पीढ़ी
चंचल ,उत्तेजित
बिना परिश्रम
सब कुछ पाने की चाह।
हाल यह
अपना कमाया नहीं
माँ बाप का बचाया नहीं
फटी जेब ,हाल बेहाल
समय बीतने पर
आए ख्याल।
ऐश में समय बिताया
कैश पाकेट में न आया
माँगना मन को न भाया
गल्त रास्ता अपनाया।
बेरोजगारी की मार
ऊपर से जेब फटे हाल
दोष किसे दें
अपनी करनी पर पछताया ।
सुबह का भूला
शाम को लौटे
तो भी कुशल बहु तेरे
अब भी संभल जाएँ
तो जीवन सँवर जाए।
