कितना गदर मचायेंगी, कभी तो होंगी बंद बरसों से थी बंदिशों में कैद बदलियाँ हैरान, परेशान, हैं घन... कितना गदर मचायेंगी, कभी तो होंगी बंद बरसों से थी बंदिशों में कैद बदलियाँ ह...
कपड़े पहनकर क्या करेंगे, जिस्म तो जला तवा है! कपड़े पहनकर क्या करेंगे, जिस्म तो जला तवा है!
भीड़ कारवां बनेगी न समझ पाओगे तंज से। भीड़ कारवां बनेगी न समझ पाओगे तंज से।
एक दिन के लिए ही सही, तुम भी कभी, मां बनकर दिखाओ ना एक दिन के लिए ही सही, तुम भी कभी, मां बनकर दिखाओ ना
अरसा गुज़र गया, इन्तजार में हूं कि, कभी तुम आ जाओ। अरसा गुज़र गया, इन्तजार में हूं कि, कभी तुम आ जाओ।
सुनो या अनसुना करो शोर तो प्रचंड होगा रीती-रिवाज़ के नाम का ढोंग, अब ख़तम होगा सुनो या अनसुना करो शोर तो प्रचंड होगा रीती-रिवाज़ के नाम का ढोंग, अब ख़तम ...