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Ahmak Ladki

Classics

3  

Ahmak Ladki

Classics

बदलियाँ

बदलियाँ

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हैरान, परेशान हैं घनघोर बदलियाँ

बरसेंगी कहाँ, किस और बदलियाँ।


नाराज़ हैं किसी पे देखो कस रही हैं तंज़

क्यूं हो गई बेबाक, यूँ बेताब बदलियाँ

हैरान, परेशान, हैं घनघोर बदलियाँ

बरसेंगी कहाँ, किस और बदलियाँ

हैरान, परेशान, हैं घनघोर बदलियाँ।


शामत पे है आमादा या किस बात का है रंज

क्यों इस क़दर हैं आज ये बैखौफ़ बदलियाँ

हैरान, परेशान, हैं घनघोर बदलियाँ

बरसेंगी कहाँ, किस और बदलियाँ

हैरान, परेशान, हैं घनघोर बदलियाँ।


कितना गदर मचायेंगी, कभी तो होंगी बंद

बरसों से थी बंदिशों में कैद बदलियाँ

हैरान, परेशान, हैं घनघोर बदलियाँ

बरसेंगी कहाँ, किस और बदलियाँ।


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