The Stamp Paper Scam, Real Story by Jayant Tinaikar, on Telgi's takedown & unveiling the scam of ₹30,000 Cr. READ NOW
The Stamp Paper Scam, Real Story by Jayant Tinaikar, on Telgi's takedown & unveiling the scam of ₹30,000 Cr. READ NOW

बदलियाँ

बदलियाँ

1 min
380


हैरान, परेशान हैं घनघोर बदलियाँ

बरसेंगी कहाँ, किस और बदलियाँ।


नाराज़ हैं किसी पे देखो कस रही हैं तंज़

क्यूं हो गई बेबाक, यूँ बेताब बदलियाँ

हैरान, परेशान, हैं घनघोर बदलियाँ

बरसेंगी कहाँ, किस और बदलियाँ

हैरान, परेशान, हैं घनघोर बदलियाँ।


शामत पे है आमादा या किस बात का है रंज

क्यों इस क़दर हैं आज ये बैखौफ़ बदलियाँ

हैरान, परेशान, हैं घनघोर बदलियाँ

बरसेंगी कहाँ, किस और बदलियाँ

हैरान, परेशान, हैं घनघोर बदलियाँ।


कितना गदर मचायेंगी, कभी तो होंगी बंद

बरसों से थी बंदिशों में कैद बदलियाँ

हैरान, परेशान, हैं घनघोर बदलियाँ

बरसेंगी कहाँ, किस और बदलियाँ।


Rate this content
Log in

More hindi poem from Ahmak Ladki

Similar hindi poem from Classics