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Manju Joshi

Abstract Classics

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Manju Joshi

Abstract Classics

बस तेरा साथ हो

बस तेरा साथ हो

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तमन्ना दिल की अब बस है यही, 

बस दो पल का हो पर तेरा साथ हो, 

आँखों में आँखें डाले हम बैठे रहें, 

कोई गम न मेरे आस-पास हो।।

तुम मुझसे करो सारे गिले शिकवे, 

मुझे तुमसे करनी ढेरों बात हों, 

हाथों में हाथ हो तेरा-मेरा प्रिय, 

पर थमे हुए सारे जज्बात हों।।

उस एक पल की खुशी में, 

सारा जहाँ जाए सिमट,

तू बस पास रहे फरियाद हो, 

वो लम्हा कभी न बिसराऊँ मैं, 

बस तू हो याद मुझे और

दूजा न कोई तुझे याद हो।।

          


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